Friday, November 30, 2018

jimmedari ka ehsas story in hindi

जिम्मेदारी का एहसास :-

jimmedari ka ehsas

                              जिम्मेदारी का एहसास



         एक छोटे से गाँव में एक बूढ़ा रहता था। उसके साथ उसकी पत्नी व उसके दो बेटे रहते थे। उस बूढ़े के पास एक खेत था जिस पर खेती करके वो अपने परिवार को पालता था। उम्र ज्यादा हो जाने के कारण अब वो खेती नहीं कर सकता था। उसने अपने दोनों बेटो को अपने पास बुलाया और उनसे बोला की अब मै बूढ़ा हो गया हुँ और पहले जितनी मेहनत नहीं कर सकता इसलिए मुझे खेती करने में तुम दोनों की मदद चाहिए। उसके दोनों बेटो में बड़ा बेटा बहुत जिम्मेदार था व अपने सभी काम पूरी जिम्मेदारी के साथ करता था लेकिन छोटा बेटा अपने भाई के बिलकुल विपरीत था। वो पुरे दिन घूमता फिरता रहता था और अपने किसी भी काम के पूरा न होने पर दुसरो को जिम्मेदार ठहराता था। 


        अगले दिन से बड़ा बेटा अपने पिता के साथ खेत में जाने लगा व मेहनत के साथ खेती करने लगा। लेकिन छोटा बेटा खेत में नहीं आया। श्याम को जब बूढ़ा और उसका बड़ा बेटा घर पर आए तो बूढ़े ने अपने छोटे बेटे से पूछा की वो खेत में क्यों नहीं आया तो उसने कहा की उसे कुछ जरुरी काम था इसलिए वो खेत में नहीं आ सका। अगले कुछ दिनों तक यही सिलसिला चलता रहा। छोटा बेटा कभी भी खेत में नहीं गया और पूछने पर कहता की उसे कुछ जरुरी काम था। एक दिन बूढ़े की पत्नी ने कहाँ की आप इसे जबरदस्ती अपने साथ खेत में क्यों नहीं लेकर जाते। बूढ़े ने कहाँ की किसी भी इंसान को कोई भी काम जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए क्योकि जिम्मेदारी किसी को दी नहीं जाती बल्कि जिम्मेदारी खुद ली जाती है।बूढ़े की पत्नी ने कहाँ की हमारा बेटा जिम्मेदारी लेता नहीं और हम उसे जिम्मेदारी दे नहीं सकते तो वह जिम्मेदार इंसान कैसे बनेगा।बूढ़े ने कहाँ की उसको जिम्मेदार इंसान बनाने के लिए मेरे पास एक तरीका है।

      अगले दिन बूढ़े ने अपने बड़े बेटे को खेत का सामान लाने के लिए शहर भेज दिया व खुद अकेले खेत में जाकर काम करने लगा। दोपहर को बूढ़े की पत्नी ने अपने छोटे बेटे को खाना देकर खेत में भेज दिया। लड़का खेत में गया तो उसने देखा की उसका पिता अकेले खेत में काम कर रहा था। उसने अपने पिता को खाना दिया। खाना खाने के बाद बूढ़ा फिर से काम करने के लिए उठा तो उसके बेटे ने कहाँ की आप कुछ देर आराम कर लीजिए बाकि का काम मै कर लूगा। जब श्याम को वो दोनों घर गए तो उसकी माँ ने उससे पूछा की तुम कहाँ रह गए थे। तो बूढ़े ने कहाँ की ये मेरे साथ खेत में काम कर रहा था। यह सुनकर वह बहुत खुश हुई। अपने माँ बाप को इतना खुश देखकर उसे बड़ा गर्व महसूस हुआ और उसने कहाँ की कल से मै भी अपने बड़े भाई के साथ खेत में काम करुगा।

कहानी की सिख :-

जिम्मेदारी किसी को दी नहीं जाती बल्कि जिम्मेदारी खुद ली जाती है। 
        
           

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