Weight loss yoga in hindi:- मोटापा कम करने के योगासन
(1) उत्तानपादासन :-
विधि :
* पीठ के बल लेट जाये। हथेलियाँ भूमि की और , पैर सीधे , पंजे मिले हुए हो।
* अब श्वास अंदर भरकर पैरो को 1 फुट तक ऊपर उठायें। कुछ समय तक इसी स्थिति में बने रहे।
* वापस आते समय धीरे-धीरे पैरों को नीचे भूमि पर टिकाये। कुछ समय विश्राम कर फिर यही क्रिया करें।
उत्तानपादासन
लाभ :
* यह आसन आँतो को सबल व नीरोग बनाता है तथा कब्ज , गैस , मोटापा आदि को दूर करता है।
* यह आसान नाभि के डिगने , ह्रदयरोग , श्वासरोग में भी उपयोगी है।
(2) पवनमुक्तासन :-
विधि :
* सीधे लेटकर दायें पैर के घुटने को छाती पर रखे , दोनों हाथो से घुटने को दबाये व श्वास बहार छोड़ते हुए छाती से लगायें व सिर को उठाकर मुँह को घुटने से स्पर्श करे। कुछ समय तक श्वास को बहार रोकते हुए इस स्थिति में रहे फिर पैर को सीधा कर दें।
*इसी तरह दूसरे पैर से भी करे उसके बाद दोनों पैरों से यह आसान करना चाहिए। इस प्रकार यह एक चक्र पूरा हुआ।
लाभ :
* पेट की बढ़ी हुई चर्बी को कम करता है व मोटापे को कम करता है।
* अम्लपित्त , ह्रदयरोग , गठिया में यह आसान लाभदायक है।
* उदरगत वायु-विकार में यह बहुत ही लाभप्रद आसान है।
(3) हलासन :-
विधि :
* पीठ के बल लेट जायें , फिर श्वास अंदर भरते हुए धीरे - धीरे पैरो को उठाये। पहले 30 फिर 60 और फिर 90 डिग्री तक पैरों को उठाने के बाद पैरो को सिर के पीछे की और पीठ को ऊपर उठाते हुए श्वास बाहर निकालते हुए ले जायें।
*पैरों को सिर पीछे भूमि पर टिका दे। हाथ भूमि पर ही रहे व श्वास की गति सामान्य रहे। वापस आते समय जिस क्रम में ऊपर गए थे उसी क्रम में भूमि को हाथो से दबाते हुए पैरो को सीधा रखते हुए वापिस आ जाए।
लाभ :
उत्तानपादासन
लाभ :
* यह आसन आँतो को सबल व नीरोग बनाता है तथा कब्ज , गैस , मोटापा आदि को दूर करता है।
* यह आसान नाभि के डिगने , ह्रदयरोग , श्वासरोग में भी उपयोगी है।
(2) पवनमुक्तासन :-
विधि :
* सीधे लेटकर दायें पैर के घुटने को छाती पर रखे , दोनों हाथो से घुटने को दबाये व श्वास बहार छोड़ते हुए छाती से लगायें व सिर को उठाकर मुँह को घुटने से स्पर्श करे। कुछ समय तक श्वास को बहार रोकते हुए इस स्थिति में रहे फिर पैर को सीधा कर दें।
*इसी तरह दूसरे पैर से भी करे उसके बाद दोनों पैरों से यह आसान करना चाहिए। इस प्रकार यह एक चक्र पूरा हुआ।
पवनमुक्तासन |
लाभ :
* पेट की बढ़ी हुई चर्बी को कम करता है व मोटापे को कम करता है।
* अम्लपित्त , ह्रदयरोग , गठिया में यह आसान लाभदायक है।
* उदरगत वायु-विकार में यह बहुत ही लाभप्रद आसान है।
(3) हलासन :-
विधि :
* पीठ के बल लेट जायें , फिर श्वास अंदर भरते हुए धीरे - धीरे पैरो को उठाये। पहले 30 फिर 60 और फिर 90 डिग्री तक पैरों को उठाने के बाद पैरो को सिर के पीछे की और पीठ को ऊपर उठाते हुए श्वास बाहर निकालते हुए ले जायें।
*पैरों को सिर पीछे भूमि पर टिका दे। हाथ भूमि पर ही रहे व श्वास की गति सामान्य रहे। वापस आते समय जिस क्रम में ऊपर गए थे उसी क्रम में भूमि को हाथो से दबाते हुए पैरो को सीधा रखते हुए वापिस आ जाए।
हलासन |
* गैस , कब्ज , यकृत - वृद्धि व हृदयरोग में लाभकारी है।
* मेरुदण्ड को स्वस्थ व लचीला बनाता है।
* अग्न्याशय को सक्रिय करता है व डायबिटीज को दूर करता है।
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