मेहनत का फल :-
मेहनत का फल |
एक स्टेडियम में एक लड़का मुक्केबाज बनने की तैयारी करता था। स्टेडियम में और लड़के भी थे जो मुक्केबाज बनने की तैयारी करते थे लेकिन वो लड़का बाकि लड़को से शाररिक रूप से कमजोर था व उसका अनुभव भी उनसे कम था क्योकि बाकि लड़के काफी समय से मुक्केबाजी की तैयारी कर रहे थे। एक दिन उनके
कोच ने उस लड़के का मुकाबला दूसरे लड़के से करवाया। कम अनुभव व कमजोर होने के कारण वो लड़का मुकाबले में हार गया।
अगले दिन उस लड़के ने अपने कोच से मुकाबले में हारने का कारण पूछा। कोच ने बताया की वो लड़का तुमसे ज्यादा अनुभवी व तुमसे ज्यादा ताकतवर था क्योकि उसे मुक्केबाजी करते हुए तुमसे ज्यादा समय हो गया है। लड़के ने कोच से कहाँ की ऐसे तो में कभी भी बाकि के लड़को से मुकाबले में जीत नहीं पाऊ गा। कोच ने कहा नहीं ऐसा नहीं है। लड़का बोला क्यों। कोच ने कहा क्योकि तुम्हारी जीत तुम्हारी मेहनत पर निर्भर करती है। तुम जितनी ज्यादा कड़ी मेहनत करोगे उतना ही तुम्हारा अनुभव व तुम्हारी ताकत बढ़ती जाए गी। दूसरे लड़के जितनी मेहनत करते है तुम उनसे ज्यादा कड़ी मेहनत करो क्योकि कड़ी मेहनत का फल हमेसा अच्छा होता है।
अगले दिन से वो लड़का कड़ी मेहनत करने लगा। जैसे-जैसे दिन बीतते गए उसकी मेहनत रंग लाने लगी। अब वो दूसरे लड़को के साथ अच्छा मुकाबला करने लगा था। वो लड़का समय के साथ-साथ लगातार कड़ी मेहनत करता रहा और कुछ समय बाद वो लड़का अपने स्टेडियम का स्रवश्रेष्ठ मुक्केबाज बन गया।
अगले दिन उस लड़के ने अपने कोच से मुकाबले में हारने का कारण पूछा। कोच ने बताया की वो लड़का तुमसे ज्यादा अनुभवी व तुमसे ज्यादा ताकतवर था क्योकि उसे मुक्केबाजी करते हुए तुमसे ज्यादा समय हो गया है। लड़के ने कोच से कहाँ की ऐसे तो में कभी भी बाकि के लड़को से मुकाबले में जीत नहीं पाऊ गा। कोच ने कहा नहीं ऐसा नहीं है। लड़का बोला क्यों। कोच ने कहा क्योकि तुम्हारी जीत तुम्हारी मेहनत पर निर्भर करती है। तुम जितनी ज्यादा कड़ी मेहनत करोगे उतना ही तुम्हारा अनुभव व तुम्हारी ताकत बढ़ती जाए गी। दूसरे लड़के जितनी मेहनत करते है तुम उनसे ज्यादा कड़ी मेहनत करो क्योकि कड़ी मेहनत का फल हमेसा अच्छा होता है।
अगले दिन से वो लड़का कड़ी मेहनत करने लगा। जैसे-जैसे दिन बीतते गए उसकी मेहनत रंग लाने लगी। अब वो दूसरे लड़को के साथ अच्छा मुकाबला करने लगा था। वो लड़का समय के साथ-साथ लगातार कड़ी मेहनत करता रहा और कुछ समय बाद वो लड़का अपने स्टेडियम का स्रवश्रेष्ठ मुक्केबाज बन गया।
कहानी की सिख :-
लगातार की गई कड़ी मेहनत ही हमें अपने लक्ष्य तक पहुँचती है।
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